
मेरा जन्म 15 अप्रैल 1948 को हुआ था तब से लेकर आज तक बहुत सारे सालों का सफर मैंने खुद को सुदृढ़ एवम शक्तिशाली बनाने के लिए तय किया है और लगातार प्रयास किया है कि मैं हमेशा आगे बढ़ता रहूं।
मेरे सफर को जानने के लिए आप गूगल पर भी सर्च कर सकते हैं वो मेरी सारी कहानी बयां कर देगा।
जब मेरे पास कुछ नहीं था तब भी मैं अपने लोगों का ख्याल रख रहा था और आज मैं जहां पर खड़ा हूं आज भी लगातार अपने लोगों को आगे बढ़ने के लिए मैं हमेशा प्रेरित करते रहता हूं ।
जब मेरा जन्म हुआ तब बहुत कम संख्या में लोग यहां रहते थे आज आबादी लगभग 70 लाख के करीब पहुंच चुकी है और लगभग 65000 करोड़ रुपए के कर्ज के नीचे मैं दब गया हूं। 10 लाख के आसपास के मेरे नौजवान आज नौकरी की तलाश में दर-दर भटक रहे हैं।
मेरे पहाड़, मेरी नदियां, और मेरी वनस्पति को मेरे देवी-देवताओं ने बहुत ही सुंदर और आकर्षक बनाया है जब मेरे पहाड़ों पर बर्फ पड़ता है तो मेरी सुंदरता और भी निखर जाती है इसी सुंदरता को निहारने के लिए दूर-दूर से लोग मुझे देखने आते हैं।
मेरी बहती नदियों के पानी से बिजली का निर्माण हो रहा है जो लोगों के घरों को रोशन कर रही है मुझे लगातार आगे बढ़ाने के लिए लाखों परिवार सरकार के साथ मिलकर लगातार प्रयास कर रहे हैं।
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मगर उनके बुढ़ापे की चिंता मेरी सरकार ने करना बंद कर दी है मैं चाहता हूं कि मेरे लिए लगातार काम करने वाले कर्मचारियों को पुरानी पेंशन देकर उनके भी भविष्य का ख्याल रखा जाएगा जिस तरह से वह लगातार मेरा ख्याल रख रहे हैं
मैं भी लगातार अपने लोगों को सेब , आम, अमरूद जैसे फल लगातार दे रहा हूं ताकि वो समृद्ध बन सकें।
मुझे अभी जरूरत है कि मेरी सड़कें शानदार तरीके से बन जाए मेरे लोगों को अपनी जीविका कमाने के लिए दूसरे राज्यों में ना जाना पड़े मेरे लोग खुशहाल रहे मेरे लोग समृद्ध रहे ।।
सभी सरकारों ने समय-समय पर मेरे लोगों का ध्यान रखा है उनके विकास और उनकी उन्नति के लिए समय-समय पर नई नई स्कीमें चलाई गई है और वो सफल भी हुई है। तो मैं बस यही चाहता हूं कि जो भी मुझे चलाएं मेरे लोग मेरे अपने हमेशा खुश रहें और आगे बढ़ते रहे।
आपका अपना हिमाचल प्रदेश
किसी की कलम से।